बूँद-बूँद को तरसते हमीरपुर के लिए गंगा से लाया गया गंगा जल! किसान भी कर पाएंगे सिचाई?
यहां के कई गांवों और वार्डों में पानी की भीषण किल्लत है। घटिया पाइपलाइन और लीक होती जल आपूर्ति व्यवस्था के कारण लोगों को मजबूरन प्रदर्शन करना पड़ रहा है। अब जरा सोचिये जब सरकार के पास टैंकरों में गंगाजल भरकर बांटने की व्यवस्था है, तो फिर पीने का पानी क्यों नहीं पहुंचा पा रही? क्या यह जनता की मूलभूत जरूरत नहीं है? क्या बिना पानी के लोग जिन्दा रह सकते हैं? मैं यहाँ एक बात साफ कर देता हूँ कि यह पूरा घटनाक्रम भाजपा की "धार्मिक भावनाओं की राजनीति" का सबसे सटीक उदाहरण है। गंगाजल बांटने से कोई इंकार नहीं कर रहा, लेकिन सवाल तो ये भी उठता है कि जब लोग पीने के पानी के लिए भटक रहे हैं? तब उनकी प्यास बुझाने की जगह, उनतक साफ पानी पहुचाने की जगह आप ढोंग करने में लगे हुए हैं?
![]() |
सोर्स- दैनिक भास्कर |
ये जान लीजिये कि भाजपा का असली मकसद जनता की बुनियादी जरूरतें पूरी करना नहीं, बल्कि लोगों को असल मुद्दों से भटकाना है। हमीरपुर में पानी की समस्या से परेशान दर्जनों ग्रामीणों ने कल दिनांक 04 मार्च को कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। जिसमें मँझूपुर, गौरादेवी, ब्रह्मा का डेरा और वार्ड नंबर 19 के निवासियों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि साल 2020-21 में जल निगम द्वारा निर्मित टंकी और पाइपलाइन की घटिया गुणवत्ता के कारण जगह-जगह लीकेज हो रहा है जिस वजह से उनके घरों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है।
![]() |
सोर्स- दैनिक भास्कर |
इनका गंगाजल बाँटना कोई आस्था नहीं है केवल और केवल राजनैतिक नौटंकी के अलावा और कुछ नहीं, क्योंकि अगर सरकार को सच में जनता की परवाह होती, तो सबसे पहले यह सुनिश्चित किया जाता कि हर घर में पीने का साफ पानी उपलब्ध हो। लेकिन भाजपा सरकार को जनता के दुख-दर्द से ज्यादा, उनकी आस्था के साथ खिलवाड़ करते हुए धार्मिक भावनाओं को भुनाने की पड़ी है।
जनता से मेरी
अपील है कि भाजपा के ढोंग को समझे और 2027 में माननीय अखिलेश यादव के नेतृत्व में
पीडीए की सरकार बनाकर इन्हें मुहतोड़ जवाब दें
![]() |
राम प्रकाश प्रजापति |
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें